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निफ्टी 50 को समझना: इसमें शामिल कम्पनियों का भार (Weightage) का निर्धारण कैसे होता है

निफ्टी 50 को समझना: इसमें शामिल कम्पनियों का भार(Weightage) का निर्धारण कैसे होता है   निफ्टी 50, भारत के शेयर बाजार की सेहत का एक प्रमुख संकेतक है, जिसे "फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेड" विधि का उपयोग करके गणना की जाती है। आइए शामिल चरणों को देखें: चैंपियनों का चयन: एनएसई के दिग्गज: निफ्टी 50 भारत के राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सक्रिय रूप से कारोबार करने वाली 50 शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों का चयन करता है। बाजार को प्रभावित करने वाली कंपनियां: चयन मानदंड में कंपनी का बाजार पूंजीकरण (कुल बाजार मूल्य) और कारोबार गतिविधि (टर्नओवर) शामिल हैं। कंपनी जितनी बड़ी और सक्रिय रूप से कारोबार करती है, उसके शामिल होने की संभावना उतनी ही मजबूत होती है। भार (Weightage) का निर्धारण: बाजार हिस्सेदारी महत्वपूर्ण है: निफ्टी 50 "फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन" के आधार पर एक अद्वितीय भार प्रणाली का उपयोग करता है। यह केवल सार्वजनिक रूप से उपलब्ध शेयरों को व्यापार के लिए मानता है, जिसमें सरकार या कंपनी के संस्थापकों जैसे प्रमुख हितधारकों के पास मौजूद शेयर शामिल नहीं

निफ्टी 50 (Nifty 50) : 50 भारतीय दिग्गजों का संगम, भारत के शेयर बाजार के हाल और रुझानों का एक महत्वपूर्ण मापक है | यह निवेशकों और विश्लेषकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ प्रदान करता है।

  निफ्टी 50: 50 भारतीय दिग्गजों का संगम निफ्टी 50 भारत के शेयर बाजार का एक महत्वपूर्ण सूचकांक है जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सूचीबद्ध 50 सबसे बड़ी भारतीय कंपनियों की ताकत को दर्शाता है। 1. रचना: इसमें भारत की शीर्ष 50 लार्ज-कैप कंपनियां शामिल हैं जो अपने क्षेत्रों में अग्रणी हैं। केवल सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित कंपनियां ही इस सूचकांक का हिस्सा बन पाती हैं। बैंकिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल, ऊर्जा और अन्य विभिन्न उद्योगों का प्रतिनिधित्व होता है। 2. उद्देश्य: यह एक काल्पनिक पोर्टफोलियो के रूप में कार्य करता है जो भारतीय शेयर बाजार में समग्र हलचल को दर्शाता है। सूचकांक में परिवर्तन, इन 50 कंपनियों के शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव का परिणाम होता है। निफ्टी 50 की स्थापना 22 अप्रैल 1995 को हुई थी। इसका आधार वर्ष 1995 है और आधार मूल्य 1000 है। निफ्टी 50 इंडेक्स फंड और ETFs (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) के माध्यम से निवेशकों के लिए उपलब्ध है। 3. गणना: निफ्टी 50 के मूल्य की गणना फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन पद्धति का उपयोग करके की जाती है। इसमें आधार अवधि के दौरान निफ्टी 50 में सभी