Skip to main content

अशोक लेलैंड लिमिटेड ने अंतरिम लाभांश की घोषणा की! इसकी रिकॉर्ड तिथि है-

 

अशोक लेलैंड लिमिटेड ने अंतरिम लाभांश की घोषणा की! इसकी रिकॉर्ड तिथि है-

अशोक लेलैंड निवेशकों के लिए खुशखबरी! कंपनी ने ₹4.95 प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश की घोषणा की है। कंपनी के 1 शेयर मूल्य 1 अप्रैल, 2024 को NSE में ₹174.65  पर बंद हुआ था | यहां बताया गया है कि इसका आपके लिए क्या मतलब है:

अंतरिम लाभांश क्या है?

अंतरिम लाभांश कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को वित्तीय वर्ष के दौरान किया जाने वाला एक नकद भुगतान है। यह अंतिम वार्षिक परिणाम घोषित होने से पहले, अब तक कंपनी के प्रदर्शन के लिए आंशिक इनाम की तरह है।

महत्वपूर्ण तिथियों को समझना:

  • अंकित मूल्य (₹1 प्रति शेयर): यह कंपनी द्वारा प्रत्येक शेयर को दिया गया आधार मूल्य है। यह लाभांश और अन्य वित्तीय उपायों की गणना के लिए एक संदर्भ बिंदु है।

  • पूर्व तिथि (3 अप्रैल, 2024): यह महत्वपूर्ण है! यदि आप इस तिथि को या उसके बाद अशोक लेलैंड के शेयर खरीदते हैं, तो आप ₹4.95 के लाभांश को प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे।

  • रिकॉर्ड तिथि (3 अप्रैल, 2024): कंपनी इस तिथि का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करती है कि किन शेयरधारकों को लाभांश मिलेगा। केवल इस तिथि तक शेयर रखने वालों को ही भुगतान प्राप्त होगा।


ये तिथियां क्यों महत्वपूर्ण हैं?

ये तिथियां शेयर की कीमतों और लाभांश प्राप्त करने वाले को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं। इन्हें समझने से आपको सूचित निवेश निर्णय लेने में मदद मिलती है।


Comments

Popular posts from this blog

"गिरावट पर ख़रीद" रणनीति (Buy on Dip) -- कैसे पिवट पॉइंट और समर्थन/प्रतिरोध (support & resistance ) का उपयोग करने से हम "गिरावट पर ख़रीद" Buy on Dip में अच्छा लाभ ले सकते हैं| यह रणनीति मार्केट में हमें जल्दी एंट्री और एग्जिट दिला सकती है|

  "गिरावट पर ख़रीद" रणनीति ( Buy on Dip) के साथ पिवट पॉइंट और समर्थन/प्रतिरोध (support & resistance ) का उपयोग: एक रणनीति "गिरावट पर ख़रीद"  Buy on Dip रणनीति में किसी संपत्ति को तब खरीदना शामिल होता है जब उसकी कीमत कम होकर कथित रूप से कम मूल्यवान स्तर पर पहुँच जाती है, जिसका लक्ष्य बाद में होने वाली मूल्य वृद्धि से लाभ कमाना होता है. पिवट पॉइंट और समर्थन/प्रतिरोध स्तर (support & resistance) इस रणनीति के लिए संभावित प्रवेश और निकास बिंदुओं की पहचान करने में सहायक उपकरण हो सकते हैं. यह कैसे काम करता है: पिवट पॉइंट की गणना करें: पिछले दिन के उच्च, निम्न और समापन मूल्यों के आधार पर पिवट पॉइंट की गणना की जाती है. ये एक केंद्रीय संदर्भ बिंदु के रूप में कार्य करते हैं, जिसके इर्द-गिर्द अतिरिक्त समर्थन और प्रतिरोध स्तर (S1, S2, R1, R2, आदि) की गणना की जाती है. समर्थन (support)  स्तरों की पहचान करें: समर्थन स्तर (support level) उन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां खरीद दबाव बढ़ने की संभावना होती है, जो संभावित रूप से मूल्य गिरावट को रोक सकता है. पिवट पॉइंट सम...

निफ्टी 50 को समझना: इसमें शामिल कम्पनियों का भार (Weightage) का निर्धारण कैसे होता है

निफ्टी 50 को समझना: इसमें शामिल कम्पनियों का भार(Weightage) का निर्धारण कैसे होता है   निफ्टी 50, भारत के शेयर बाजार की सेहत का एक प्रमुख संकेतक है, जिसे "फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेड" विधि का उपयोग करके गणना की जाती है। आइए शामिल चरणों को देखें: चैंपियनों का चयन: एनएसई के दिग्गज: निफ्टी 50 भारत के राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सक्रिय रूप से कारोबार करने वाली 50 शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों का चयन करता है। बाजार को प्रभावित करने वाली कंपनियां: चयन मानदंड में कंपनी का बाजार पूंजीकरण (कुल बाजार मूल्य) और कारोबार गतिविधि (टर्नओवर) शामिल हैं। कंपनी जितनी बड़ी और सक्रिय रूप से कारोबार करती है, उसके शामिल होने की संभावना उतनी ही मजबूत होती है। भार (Weightage) का निर्धारण: बाजार हिस्सेदारी महत्वपूर्ण है: निफ्टी 50 "फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन" के आधार पर एक अद्वितीय भार प्रणाली का उपयोग करता है। यह केवल सार्वजनिक रूप से उपलब्ध शेयरों को व्यापार के लिए मानता है, जिसमें सरकार या कंपनी के संस्थापकों जैसे प्रमुख हितधारकों के पास मौजूद शेयर शामिल नहीं...